युवा राजपूत सभा के चैयरमैन रघुवीर सिंह द्वारा इस्तीफा देना: क्या संदेश जाएगा लोगों में ???
कल ही आपने सोशल मीडिया पर दो वायरल हो रहे वीडियो देखे होंगें। इन दोनों वीडियो में पहले में आपने देखा कि किस तरीके से युवा राजपूत सभा के प्रेसिडेंट विक्रम सिंह जी एक्स प्रेसिडेंट राजन सिंह हैप्पी और उनके बाकी साथी कविंदर गुप्ता जी के साथ बैठे थे और इस पूरे मसले में, जो कविंदर गुप्ता जी ने राजपूत सभा के बारे में बयान दिया था इसको लेकर चर्चा हो रही थी और बाद में अपने इस वीडियो में देखा होगा कि जो बात थी वह अच्छे तरीके से खत्म हो जाती है। कविंद्र गुप्ता ने अपनी जो बात बोली थी उसके लिए वह खेद प्रकट करते हैं और युवा राजपूत सभा के सदस्यों द्वारा उसे अनुमोदित कर दिया जाता है। प्रधान विक्रम सिंह जी कहते हैं कि गलती इंसान से होती है अगर उन्होंने कोई ऐसी गलत बात बोल दी है तो कविंदर गुप्ता जी ने आज उसके लिए उस पर खेद प्रकट किया है, वह हमारे बड़े भाई हैं। हम जम्मू के लोगों के हित की बात कर रहे हैं और करते रहेंगे और उनके द्वारा उठाया गया मुद्दा गलत नहीं था। लेकिन उसके बाद एक दूसरा वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आता है जिसमें चैयरमैन युवा राजपूत सभा रघुवीर सिंह जी, (जो आज से पहले काम ही सामने आए हैं) यह कहते हैं कि जो थोड़ी देर पहले जो बात हुई थी जिसमें कविंदर गुप्ता जी के साथ विक्रम सिंह जी ने और राजन सिंह हैप्पी और बाकी साथियों ने जो बात की थी उसे उसमें वह उनके स्टैंड को लेकर संतुष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि कविंद्र गुप्ता जी ने एक घिसा पिटा बयान दिया है उन्होंने कहा कि उन्होंने राजपूत सभा से माफी नहीं मांगी है, क्योंकि उन्होंने माफी नहीं मांगी है तो वह अपने युवा राजपूत सभा के चैयरमैन के पद से इस बात को लेकर इस्तीफा देते हैं। हालांकि इसमें एक बड़ी बात यह भी रही कि जब यह मीटिंग हो रही थी तो वह भी उसे मीटिंग में उसे समय उपस्थित थे।
युवा राजपूत सभा जिसको अपनी पहचान महाराजा हरि सिंह की छुट्टी को लेकर किए गए आंदोलन से मिली थी और जो वाकई में एक जन आंदोलन था और लोगों की भावनाओं से जुड़ा हुआ था। तब से लेकर युवा राजपूत सभा ने कहा था कि वह जम्मू के लोगों के मसले के लिए सामने आयेगी। लेकिन सरोर टोल प्लाजा के मसले को लेकर कुछ ऐसी चीज हुई कि युवा राजपूत सभा कंट्रोवर्सी में आ गई। चाहे वह उनकी रणनीति को लेकर था या बार-बार अपने स्टैंड से चेंज होना, (पहले उन्होंने इस बात में कहा था कि यह टोल प्लाजा 60 किलोमीटर के अंदर है इसलिए यह टोल प्लाजा गलत है और वह उसको जेसीबी की मदद से उखाड़ देंगे)। उसके बाद उनका दिया गया स्लोगन नो रोड नो टोल हालांकि वह सही था और लोग उनके साथ थे। इस आंदोलन को सबसे बड़ा समर्थन सांबा के लोगों द्वारा दिया गया था हालांकि यह सर्वविदित है कि सांबा के लोगों को टोल नहीं लगता था। हालंकी इसके बारे में LG महोदय ने खुद नेशनल हाईवे अथॉरिटी वालों के साथ बात की थी और लोगों को आश्वस्त किया था कि जल्दी ही इस मुद्दे पर पर कोई सुनवाई होगी। लेकिन युवा राजपूत सभा के सदस्यों द्वारा धरने और टोल प्लाजा पर हुई पत्थर बाजी के बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया। 8 दिनों के बाद उनके छूटने से लेकर युवा राजपूत सभा नित नई कंट्रोवर्सी में गिरती रही है। उनके छूटने के बाद उनकी स्ट्रेटजी को लेकर पहले सांबा बार एसोसिएशन ने उनसे अपने आप को अलग कर लिया और उन पर कई और इल्जाम भी लगाये। फिर उनको सरकार द्वारा दी गई टाइमलाइन 5 सितंबर बीत जाने के बावजूद भी टोल प्लाजा का कोई हल नहीं निकाला और धीरे-धीरे दिन आगे बढ़ते गए। उनके ठंडे पड़ रहे इस आंदोलन में उसे समय एक चिंगारी और भड़की जब पूर्व डिप्टी चीफ मिनिस्टर कविंद्र गुप्ता ने यह बयान दे दिया की युवा राजपूत सभा द्वारा किया गया सारा आंदोलन एक ड्रामा था और वह पैसे को लेकर बिके हुए थे। इसमें उन्होंने राजपूत समाज के बारे में बात कर दी, जिससे लोगों को और राजपूत समाज को बहुत ही गुस्सा आ गया। फिर राजपूत सभा ने कहा कि कुलविंदर गुप्ता जी अपने अभियान के लिए माफी मांगे नहीं तो वह बीजेपी ऑफिस का धिराव करेंगे। बाद में कविंद्र गुप्ता द्वारा यह बोलना कि मेरे द्वारा दिया गया बयान तरोड़ मरोड के पेश किया किया गया था, यह लोगों को पसंद नहीं आया। लेकिन कल की हालात में उसे समय माहौल अच्छा बनता दिखा जब एक मीडिया चैनल के साथ इंटरव्यू में जिस मे कविंद्र गुप्ता जी, विक्रमजीत सिंह, राजन सिंह हैप्पी और उनके सारे पदाधिकारी बैठे थे कविंद्र गुप्ता जी ने अपने बयान पर खेद प्रकट कर लिया (हालांकि लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर अलग-अलग कमेंट्स दिए जा रहे थे)। ऐसा लगता था कि कहीं बात खत्म हो जाएगी लेकिन उसके बाद युवा रायपुर सभा के चैयरमैन रघुवीर सिंह जी के द्वारा यह बोल के इस्तीफा देना कि वह कल इस मुलाकात में रविंद्र गुप्ता द्वारा दिए गए बयान कि मैं खेद प्रकट करता हूं, उस से संतुष्ट नहीं है और अपने पद से इस्तीफा देते हैं। तो इस से लगता है कि युवा राजपूत सभा एक बार फिर से कंट्रोवर्सी में गिर गई है और मुसीबत अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। एक बात जो इसे सामने निकल कर आती है वह यह है कि शायद युवा राजपूत सभा अपना होमवर्क ठीक ढंग से नहीं करती है जिसे बाद में उसको मुसीबत का सामना करना पड़ता है। अब युवा राजपूत सभा किस तरह से अपने चैयरमैन रघुवीर सिंह जी को मनाती है वह एक अलग तरह का विषय है लेकिन लोगों में यह एक अच्छा संदेश नहीं दे पा रहा है और इस से युवा राजपूत सभा की साख भी दाब पर लगती है। जैसा कि अब महाराजा हरि सिंह का जन्मदिन 23 सितंबर भी पास आता जा रहा है तो निश्चित तौर पर युवा राजपूत सभा को कुछ ऐसा करना चाहिए कि उनके मतभेद लोगों के सामने प्रकट न हो। युवा राजपूत सभा अपने अध्यक्ष रघुवीर सिंह को किस तरह से मनाती है मुझे एक अलग तरह का विषय है। समय के गर्भ में क्या है यह तो बाद में ही पता चलेगा लेकिन रघुवीर सिंह जी के द्वारा चैयरमैन पद से इस्तीफा देना निश्चित ही एक नई मुसीबत खड़ी कर रहा है।