शहरी स्थानीय निकायों के लिए राज्यों को 2427 करोड़ रुपये का अनुदान जारी किया गया

 वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने आज शहरी निकायों के लिए 11 राज्यों को 2427 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की है। जारी की गई राशि वर्ष 2021-22 के लिए निर्धारित अनुदान की पहली किस्त है। ये अनुदान छावनी बोर्डों सहित नॉन-मिलियन से अधिक शहरों (एनएमपीसी) के लिए प्रदान किया गया है।

15वें वित्त आयोग ने 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए अपनी रिपोर्ट में शहरी स्थानीय निकायों को दो श्रेणियों में विभाजित किया है: (ए) मिलियन-प्लस शहरी समूह/शहर (दिल्ली और श्रीनगर को छोड़कर)और (बी) सभी दस लाख से कम आबादी वाले अन्य शहर और कस्बे (गैर-मिलियन से अधिक शहर) और उनके लिए अलग अनुदान की सिफारिश की है। गैर-मिलियन से अधिक शहरों के लिए आयोग द्वारा अनुशंसित कुल अनुदानों में से40% मूल (संयुक्त) अनुदान है और शेष 60% निर्धारित अनुदान के रूप में है। वेतन के भुगतान और अन्य स्थापना व्यय को छोड़कर मूल अनुदान (संयुक्त)का उपयोग स्थान विशिष्ट की जरूरतों के लिए किया जा सकता है।

दूसरी ओरगैर-मिलियन से अधिक शहरों के लिए निर्धारित अनुदान बुनियादी सेवाओं के वितरण को समर्थन देने और मजबूत करने के लिए जारी किए जाते हैंजिसमें से 50% स्वच्छता ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और आवास मंत्रालय द्वारा विकसित स्टार रेटिंग प्राप्त करने के लिए निर्धारित किया गया है और शेष 50% पीने के पानीवर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण‘ से जुड़ा है।

निर्धारित अनुदान शहरी स्थानीय निकायों को केंद्र और राज्य द्वारा विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत स्वच्छता और पीने के पानी के लिए आवंटित धन के अलावा अतिरिक्त धन की उपलब्धता सुनिश्चित करने और नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने के लिए दिया जाता है।

राज्यों को केंद्र सरकार से प्राप्त होने के 10 कार्य दिवसों के भीतर शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) को अनुदान हस्तांतरित करना आवश्यक है। 10 कार्य दिवसों से अधिक की देरी होने पर राज्य सरकारों को ब्याज सहित अनुदान जारी करना पड़ता है।

16-09-2021 को जारी गैर-मिलियन से अधिक शहरों के लिए निर्धारित अनुदान की पहली किस्त की राज्य-वार राशि इस प्रकार है;