Year: 2021

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा- आईएएस/सिविल सेवाओं के लिए पाठ्यक्रम भारत के बदलते परिदृश्य के अनुरूप होना चाहिए और इसलिए समय-समय पर इसमें निरंतर संशोधन की आवश्यकता है

 केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में कहा कि आईएएस /सिविल सेवाओं के लिए पाठ्यक्रम भारत के बदलते परिदृश्य के अनुरूप होना चाहिए और इसलिए वर्तमान परिस्थतियों में आवश्यकता है कि लगातार तथा समय-समय पर इसे संशोधित किया जाए। उन्होंने कहा कि यह वर्तमान और भविष्य के प्रशासकों को उस दूरदर्शी रोडमैप के लिए फिर से उन्मुख करने के लिये भी महत्वपूर्ण है, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगले 25 वर्षों के लिए स्वतंत्र भारत के 100 वर्ष होने तक हमारे सामने रखा है।आज अकादमी में संयुक्त नागरिक-सैन्य कार्यक्रम (जेसीएम) के समापन सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने एलबीएसएनएए, राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी), भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए), सचिवीय प्रशिक्षण और प्रबंधन संस्थान (आईएसटीएम) जैसे उन संस्थानों द्वारा संयुक्त कार्यक्रमों का आह्वान किया जो सुशासन के लिए क्षमता निर्माण हेतु समर्पित हैं, इससे साइलो में काम करने के बजाय सहक्रियात्मक कार्यक्रम आयोजित हो सकें जो इन संस्थानों द्वारा किए गए व्यक्तिगत प्रयासों का पूरक होगा। उन्होंने मसूरी अकादमी में विजिटिंग फैकल्टी का दायरा बढ़ाने और गेस्ट फैकल्टी को वैज्ञानिक विशेषज्ञों, औद्योगिक उद्यमियों, सफल स्टार्ट-अप तथा उपलब्धि हासिल करने वाली महिलाओं को और अधिक समावेशी बनाने का भी सुझाव दिया।प्रमुख सुधारों की दिशा में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा उठाये गए एक कदम के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, "मिशन कर्मयोगी" की स्थापना की जा रही थी, जिसे परिभाषित करने पर 'नियम से भूमिका' के कामकाज पर जोर दिया जाएगा।एक सप्ताह के संयुक्त नागरिक-सैन्य कार्यक्रम के सफलतापूर्वक संचालन के लिए अकादमी के पाठ्यक्रम समन्वयक एवं कर्मचारियों को बधाई देते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कार्यक्रम में भाग लेने वाले अधिकारियों की भी सराहना की, इसका उद्देश्य सिविल सेवा अधिकारियों और सशस्त्र बलों के अधिकारियों के बीच संरचनात्मक इंटरफेस प्रदान करना है। जिसका मकसद संयुक्त कर्तव्यों के दौरान एक बेहतर और साझा समझ, समन्वय तथा सहयोग व देश की राष्ट्रीय सुरक्षा सेवा करना है।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम 2001 में कारगिल युद्ध के बाद शुरू किया गया था और प्रतिभागियों को बाहरी एवं आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों से परिचित कराने में एक लंबा सफर तय किया है तथा भाग लेने वाले अधिकारियों को अनिवार्य नागरिक-सैन्य सेना के सामने लाने में व्यापक भूमिका निभाता है।डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत अपनी आजादी के 75 साल में प्रवेश कर रहा है, और अगले 25 वर्षों की योजना बना रहा है, तो ऐसे कार्यक्रम हमें नागरिक तथा सैन्य अधिकारियों को आंतरिक एवं बाहरी रूप से विभिन्न संघर्ष स्थितियों में संयुक्त रूप से काम करने के लिए तैयार करने में सक्षम बनाते हैं।इससे पहले एलबीएसएनएए के निदेशक के श्रीनिवास ने नागरिक-सैन्य कार्यक्रम और उसके उद्देश्यों के बारे में एक रूपरेखा दी।

पारादीप पोर्ट स्पोर्ट्स काउंसिल द्वारा खेल प्रशिक्षुओं का चयन किया गया

 मेजर पोर्ट स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड की खेल प्रशिक्षु योजना के तहत पारादीप पोर्ट स्पोर्ट्स काउंसिल ने 9 सितंबर से 10...

अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए केंद्र और राज्यों को टीम इंडिया के रूप में काम करना चाहिए: उपराष्ट्रपति

 अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए केंद्र और राज्यों को टीम इंडिया के रूप में काम करना चाहिए: उपराष्ट्रपतिआर्थिक विकास को...

प्रधानमंत्री ने आचार्य विनोबा भावे को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी

 प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आचार्य विनोबा भावे की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।ट्वीट्स की एक...

प्रधानमंत्री ने शिकागो में स्वामी विवेकानंद के 1893 के प्रतिष्ठित भाषण को याद किया

 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के 1893 के प्रतिष्ठित शिकागो भाषण के सार में कहीं अधिक...

राष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के नए भवन परिसर की आधारशिला रखी

 राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने कहा कि अगर हमें हमारे संविधान के समावेशी आदर्शों को अर्जित करना है, तो...

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ‘2+2’ मंत्रिस्तरीय वार्ता के बाद रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह का प्रेस वक्तव्य

 द्विपक्षीय बैठक की मुख्य बातें:-द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर गहन चर्चाअफगानिस्तान, इंडो-पैसिफिक में समुद्री सुरक्षा, बहुपक्षीय स्वरूपों में सहयोग और...

प्रधानमंत्री ने सुब्रमण्यम भारती को उनकी 100वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी

 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने महाकवि सुब्रमण्यम भारती को उनकी 100वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी है।ट्वीट्स की एक श्रृंखला में,...

डीसी श्रीनगर ने सीएबी प्रवर्तन की जांच के लिए औचक निरीक्षण किया

 श्रीनगर, 10 सितंबर:- श्रीनगर में कोविड-19 उचित व्यवहार का पालन सुनिश्चित करने के लिए उपायुक्त श्रीनगर मोहम्मद एजाज असद ने...

जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा कल से दो दिनों के असम दौरे पर रहेंगे

 जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा कल से दो दिनों के असम दौरे पर रहेंगे। यात्रा के कार्यक्रम के दौरान...