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आज़ादी का अमृत महोत्सव’ में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा फूड प्रोसेसिंग सप्ताह का आयोजन

 देश की आज़ादी के 75 वर्षों के उपलक्ष्य में भारत सरकार द्वारा मनाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ की...

देश भर में आयुष कॉलेज खोलने के लिए वित्तीय सहायता 9 से बढ़कर 70 करोड़ रुपए

 केंद्रीय आयुष, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार ने देश भर में अधिक संख्या...

केन्द्र ने क्रूड पाम ऑयल, क्रूड सोयाबीन तेल और क्रूड सनफ्लॉवर तेल पर शुल्क की स्टैंडर्ड दर घटाकर 2.5 प्रतिशत की

 उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर खाद्य तेल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के क्रम में भारत सरकार ने अधिसूचना संख्या 42/2021...

श्री विजय गोयल ने गांधी स्मृति और दर्शन समिति के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला

 पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री विजय गोयल ने कल गांधी स्मृति और दर्शन समिति के उपाध्यक्ष के रूप में राष्ट्रपिता महात्मा...

‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा फूड प्रोसेसिंग सप्ताह का आयोजन

 देश की आज़ादी के 75 वर्षों के उपलक्ष्य में भारत सरकार द्वारा मनाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ की...

भारत के कुल टीकाकरण कवरेज 73.73 करोड़ के पार पहुंचा

 भारत का कोविड-19 टीकाकरण कवरेज आज 73.73 करोड़ (73,73,67,313) के पार पहुंच गया। आज शाम 7 बजे तक टीके की 64 लाख से ज्यादा (64,49,552) खुराकें...

श्री अनुराग ठाकुर ने शिकागो में विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण पर जेएनयू के एक कार्यक्रम को संबोधित किया

 केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने 128 साल पहले शिकागो में विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण पर आज जेएनयू में आयोजित एक कार्यक्रम को वर्चुअल तरीके से संबोधित किया।श्री अनुराग ठाकुर ने अपने संबोधन में कहा, 'मैं 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद जी के ऐतिहासिक भाषण के 128वें वर्ष को मनाने के लिए आज आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किए जाने से सम्मानित महसूस कर रहा हूं। उनके भाषण ने दुनिया को हिला दिया था। आज भी यह अब तक के सबसे दमदार और यादगार भाषणों में से एक है। उनके तीखे संबोधन ने एक अत्यंत सम्मोहक और अविस्मरणीय अपील की थी।'मंत्री ने आगे कहा कि 'हमें अपनी विरासत पर गर्व है और हम भविष्य की ओर देख रहे हैं। हम एक ऐसा राष्ट्र हैं जो नए विचारों को महत्व देता है और नए भारत के निर्माण के लिए नवाचार पर ध्यान केंद्रित करता है। हम एक ऐसा राष्ट्र हैं जो दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए अध्यात्मिक उपचार की ताकत के साथ-साथ सॉफ्टवेयर की परिवर्तनकारी शक्ति में विश्वास करता है!'उन्होंने कहा कि 'प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का दृष्टिकोण एवं मंत्र - सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास- स्वामी विवेकानंद जी के विचारों को मूर्त रूप देते हैं।'श्री ठाकुर ने कहा, 'इसने पहली बार आध्यात्मिक आधार पर पूर्व और पश्चिम के बीच संवाद स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने अपने भाषण के जरिये विश्व को हमारी प्राचीन सभ्यता एवं सांस्कृतिक पहचान का परिचय दिया। उनके शब्दों ने हमारी राष्ट्रीय पहचान पर जोर देने के लिए कई लोगों को जगाया और प्रेरित किया। मैं आपको याद दिलाता हूं कि वह ब्रिटिश राज का समय था। औपनिवेशिक शक्तियों ने न केवल हमारी भूमि को लूटा था बल्कि उन्होंने हमारे समृद्ध प्राचीन अतीत को धूमिल करने, हमारे लोगों को विभाजित करने और हमारी ऐतिहासिक विरासत एवं दुनिया में भारत के स्थान को विकृत करने का भी प्रयास किया था। स्वामी विवेकानंद एक आध्यात्मिक दिग्गज थे। वे विश्व स्तर पर सम्मानित विचारक थे। वह एक ऐसा व्यक्तिव हैं जिनके विचार आज भी हमारे आदर्शों को आकार देते हैं। भारत 135 करोड़ भारतीयों का एक युवा राष्ट्र है जो दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार है।'

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा- आईएएस/सिविल सेवाओं के लिए पाठ्यक्रम भारत के बदलते परिदृश्य के अनुरूप होना चाहिए और इसलिए समय-समय पर इसमें निरंतर संशोधन की आवश्यकता है

 केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में कहा कि आईएएस /सिविल सेवाओं के लिए पाठ्यक्रम भारत के बदलते परिदृश्य के अनुरूप होना चाहिए और इसलिए वर्तमान परिस्थतियों में आवश्यकता है कि लगातार तथा समय-समय पर इसे संशोधित किया जाए। उन्होंने कहा कि यह वर्तमान और भविष्य के प्रशासकों को उस दूरदर्शी रोडमैप के लिए फिर से उन्मुख करने के लिये भी महत्वपूर्ण है, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगले 25 वर्षों के लिए स्वतंत्र भारत के 100 वर्ष होने तक हमारे सामने रखा है।आज अकादमी में संयुक्त नागरिक-सैन्य कार्यक्रम (जेसीएम) के समापन सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने एलबीएसएनएए, राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी), भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए), सचिवीय प्रशिक्षण और प्रबंधन संस्थान (आईएसटीएम) जैसे उन संस्थानों द्वारा संयुक्त कार्यक्रमों का आह्वान किया जो सुशासन के लिए क्षमता निर्माण हेतु समर्पित हैं, इससे साइलो में काम करने के बजाय सहक्रियात्मक कार्यक्रम आयोजित हो सकें जो इन संस्थानों द्वारा किए गए व्यक्तिगत प्रयासों का पूरक होगा। उन्होंने मसूरी अकादमी में विजिटिंग फैकल्टी का दायरा बढ़ाने और गेस्ट फैकल्टी को वैज्ञानिक विशेषज्ञों, औद्योगिक उद्यमियों, सफल स्टार्ट-अप तथा उपलब्धि हासिल करने वाली महिलाओं को और अधिक समावेशी बनाने का भी सुझाव दिया।प्रमुख सुधारों की दिशा में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा उठाये गए एक कदम के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, "मिशन कर्मयोगी" की स्थापना की जा रही थी, जिसे परिभाषित करने पर 'नियम से भूमिका' के कामकाज पर जोर दिया जाएगा।एक सप्ताह के संयुक्त नागरिक-सैन्य कार्यक्रम के सफलतापूर्वक संचालन के लिए अकादमी के पाठ्यक्रम समन्वयक एवं कर्मचारियों को बधाई देते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कार्यक्रम में भाग लेने वाले अधिकारियों की भी सराहना की, इसका उद्देश्य सिविल सेवा अधिकारियों और सशस्त्र बलों के अधिकारियों के बीच संरचनात्मक इंटरफेस प्रदान करना है। जिसका मकसद संयुक्त कर्तव्यों के दौरान एक बेहतर और साझा समझ, समन्वय तथा सहयोग व देश की राष्ट्रीय सुरक्षा सेवा करना है।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम 2001 में कारगिल युद्ध के बाद शुरू किया गया था और प्रतिभागियों को बाहरी एवं आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों से परिचित कराने में एक लंबा सफर तय किया है तथा भाग लेने वाले अधिकारियों को अनिवार्य नागरिक-सैन्य सेना के सामने लाने में व्यापक भूमिका निभाता है।डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत अपनी आजादी के 75 साल में प्रवेश कर रहा है, और अगले 25 वर्षों की योजना बना रहा है, तो ऐसे कार्यक्रम हमें नागरिक तथा सैन्य अधिकारियों को आंतरिक एवं बाहरी रूप से विभिन्न संघर्ष स्थितियों में संयुक्त रूप से काम करने के लिए तैयार करने में सक्षम बनाते हैं।इससे पहले एलबीएसएनएए के निदेशक के श्रीनिवास ने नागरिक-सैन्य कार्यक्रम और उसके उद्देश्यों के बारे में एक रूपरेखा दी।

पारादीप पोर्ट स्पोर्ट्स काउंसिल द्वारा खेल प्रशिक्षुओं का चयन किया गया

 मेजर पोर्ट स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड की खेल प्रशिक्षु योजना के तहत पारादीप पोर्ट स्पोर्ट्स काउंसिल ने 9 सितंबर से 10...

अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए केंद्र और राज्यों को टीम इंडिया के रूप में काम करना चाहिए: उपराष्ट्रपति

 अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए केंद्र और राज्यों को टीम इंडिया के रूप में काम करना चाहिए: उपराष्ट्रपतिआर्थिक विकास को...