बैंक खाते और ATM से पैसे निकालने के नए नियम, 1 जुलाई से होंगे लागू
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने खाते और एटीएम से पैसे निकालने के नियम को बदल दिया है. ये नए नियम 1 जुलाई 2021 से लागू होंगे. इन नियमों के बारे में जान लेना जरूरी है क्योंकि इससे कस्टमर को बाद में कोई दिक्कत नहीं आएगी. एसबीआई ने कहा है कि गैर-वित्तीय लेनदेन के लिए बैंक की शाखा, चैनल या एटीएम या सीडीएम की सेवा ली जा सकती है. बेसिक सेविंग डिपॉजिट (BSBD) खाते के लिए एसबीआई के या अन्य बैंक के एटीएम से पैसे निकासी मुफ्त है.
क्या है नया नियम
नए नियम के मुताबिक, अगर आप गैर-वित्तीय ट्रांजेक्शन करते हैं तो इसके लिए कोई शुल्क देने की जरूरत नहीं होगी. अगर महीने में नकद निकासी की 4 बार सुविधाएं ले चुके हैं तो उसके अगली बार बैंक ब्रांच या एटीएम से पैसे निकालने के लिए 15 रुपये और जीएसटी चुकाने होंगे. इतना चार्ज आपको चार के बाद हर निकासी पर देना होगा. नए नियम में कहा गया है कि एसबीआई की तरफ से एक वित्तीय वर्ष में प्रति ग्राहक को मुफ्त में 10 पन्ने का चेकबुक दिया जाएगा. यह सुविधा भी बेसिक खाताधारकों के लिए लागू होगी.
10 पन्ने का चेकबुक खत्म होने के बाद अगर ग्राहक को अलग से लेना है तो 40 रुपये प्लस जीएसटी चुकाकर 25 पन्ने का चेकबुक ले सकते हैं. यह खर्च लगभग 75 रुपये के आसपास आएगा. अगर किसी कस्टमर को इमरजेंसी चेकबुक चाहिए तो उसे जीएसटी के अलावा 50 रुपये चुकाने होंगे. हालांकि सीनियर सिटीजन के लिए चेक लेने में अतिरिक्त पैसे देने से छूट है.
क्या होता है बेसिक सेविंग अकाउंट
एसबीआई के बीएसबीडी अकाउंट को जीरो बैलेंस अकाउंट भी कहते हैं. इस अकाउंट में मिनिम बैलेंस न भी रहे, या खाता खाली रहने पर भी जुर्माना नहीं लगता. यह खाता समाज के गरीब वर्ग या खासकर उन लोगों के लिए शुरू किया गया है जो बैंकिंग सेवाओं से वंचित हैं. लोगों को बैंक खाता खोलने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बीएसबीडी अकाउंट शुरू किया गया है. इसमें काफी कम बजट के साथ भी सेविंग कर सकते हैं.
बिना किसी शुल्क चुकाए नकद निकासी का फायदा ले सकते हैं. इस पर उतना ही ब्याज मिलता है जितना रेगुलर अकाउंट पर मिलता है. अगर यह खाता पहले से निष्क्रिय है तो उसे शुरू करने के लिए अलग से कोई शुल्क नहीं लिया जाता. खाता बंद भी कराना हो तो इसका कोई शुल्क नहीं लगता.