भारत और ब्रिटेन ने 1 नवंबर 2021 तक एफटीए पर वार्ता शुरू करने का लक्ष्य रखा
भारत और ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित एफटीए से व्यापार के असाधारण अवसरों को खोलने और रोजगार पैदा करने की उम्मीद है। दोनों पक्षों ने इस तरह से व्यापार को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता में सुधार किया है, जिससे सभी को लाभ हो।
इस अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, कपड़ा, उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस एफटीए के बारे में भारत और ब्रिटेन दोनों देशों के व्यापारिक समुदाय में जबरदस्त दिलचस्पी है। श्री गोयल ने कहा कि 4 मई, 2021 को दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों द्वारा घोषित संवर्धित व्यापार भागीदारी के शुभारंभ पर ‘घोषणा’ के बाद से, दोनों देशों ने साझेदारी के विभिन्न पहलुओं पर पर्याप्त प्रगति की है।
श्री गोयल ने कहा कि दोनों पक्षों के व्यवसायों को त्वरित और शीघ्र आर्थिक लाभ देने के लिए बातचीत को जल्द से जल्द पूरा करने की इच्छा है। श्री गोयल ने कहा कि इसके लिए काफी काम किया जा चुका है और उद्योग/व्यापार संघों, निर्यात संवर्धन परिषदों, खरीदारों/विक्रेताओं के संघों, नियामक निकायों, मंत्रालयों/विभागों, सार्वजनिक अनुसंधान निकायों आदि को शामिल करते हुए व्यापक हितधारक परामर्श आयोजित किए गए हैं। साथ ही व्यापक भागीदारी के लिए परामर्श पत्र को सार्वजनिक भी किया गया।
श्री गोयल ने कहा कि वार्ता के दौरान त्वरित प्रगति को सुगम बनाने के लिए एक-दूसरे की महत्वाकांक्षाओं, रुचियों और संवेदनशीलता को समझने के क्रम में विभिन्न ट्रैकों के लिए बीडब्ल्यूजी का गठन किया गया है। इन बीडब्ल्यूजी की बैठकें वर्तमान में प्रगति पर हैं और इनके सितंबर, 2021 तक पूरा होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इन बीडब्ल्यूजी चर्चाओं से दोनों पक्षों को एक-दूसरे की नीतिगत व्यवस्थाओं को समझने में मदद मिलेगी। साथ ही, जब दोनों पक्ष नवंबर में टीओआर को अंतिम रूप देने हेतु वार्ताओं के शुभारंभ के लिए, 1 अक्टूबर, 2021 से शुरू होने वाली संयुक्त स्कोपिंग चर्चा शुरू करेंगे, तो हम बेहतर स्थिति में होंगे।
श्री पीयूष गोयल ने कहा कि एक एफटीए के पहले चरण के रूप में एक अंतरिम व्यापार समझौता दोनों देशों को साझेदारी के शुरुआती प्राप्तियों से अत्यधिक लाभान्वित होने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
सेवा क्षेत्र में, पारस्परिक हित की कुछ सेवाओं को अनुरोध प्रस्ताव की पहल के माध्यम से अंतरिम समझौते में शामिल किया जा सकता है, जिसमें हम प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को शामिल कर सकते हैं, जो तुरंत वितरित किए जा सकते हैं। यदि आवश्यक हो, तो हम नर्सिंग और आर्किटेक्चर जैसी चुनिंदा सेवाओं में कुछ पारस्परिक मान्यता समझौतों पर हस्ताक्षर करने का भी विचार कर सकते हैं।
श्री गोयल ने वस्तुओं तथा सेवाओं में प्रतिबद्धताओं और रियायतों के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।